Wednesday, July 6, 2011

आँखें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं

आँखें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं,
दादी-नानी के किस्सों से कम दिलचस्प नहीं;
हर पल एक नयी दास्तान
कभी शरारती,नटखट,गुदगुदाने वाले किस्से
तो कभी यूँ ही संजीदा हो जाती हैं
आँखें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं,

और न जाने कितने मौसम समेत रखे हैं इन्होने खुद में
कभी बसंती हवाओं सी इतराती, मस्त अदाएं;
तो कभी ज्येष्ठ की धुप सी सख्त हो जाती हैं;
और कभी सावन बटोरे नम हो जाती हैं;
आँखें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं,

दिल का शीशा बन बैठती हैं ये आँखें
सारा हाल बयां कर जाती है;
कभी प्यार बरसाती हैं पर
अगर रूठ जाये तो एक झलक को भी तरसाती हैं
कभी-कभी आंसुओं के साथ हो जाती हैं
तो ढलते सूरज कि लालिमा लिए नज़र आती हैं;
आँखें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं|


-ऐश्वर्या तिवारी

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