Tuesday, March 15, 2011

हँसी

कभी भोली सी, कभी चंचल सी हँसी,
नन्हे से चहेरे पर खिलखिलती हुई हँसी,
कभी पहली बारिश सी भीगी सी हँसी,
कभी आखरी सांसो सी ढलती हुई हँसी,
सुबह की पहली किरण सी रोशन सी हँसी,
धुंधली शाम में घुलती तन्हाई सी हँसी,
दोस्तो के संग मौजो मे गूँजती हुई हँसी,
दुश्मनो में कभी कभी नज़र आती हँसी,
बचपन मे किलकरी सी लगती हँसी,
धीरे से अपना असर दिखती हँसी,
प्यार का इज़हार करती हुई हँसी,
इनकार मे भी शरमाती हुई हँसी,
खुशीओं मे हमेशा नज़र आती हँसी,
दुख मे भी साथ निभाती हँसी,
आसुओं के बीच जगमगाती हुई हँसी,
कितना भी अंधेरा हो..........
दिल को हमेशा नज़र आती हँसी....


-- शिशिर 



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