Sunday, June 12, 2011

भारत—एक लोकतंत्र या सोनियातंत्र?

आजकल की ताज़ा सुर्ख़ियों को देखकर मन में यह प्रशन आ ही जाता है | जिस निर्ममता से रामलीला मैदान में किये जा रहे सत्याग्रह का दमन हुआ वह शर्मनाक था | न जाने कितने ही  बूढ़े-बच्चे और महिलायें सभी ज़ख़्मी हुए मगर हमारी सरकार को तो जैसे परवाह ही नहीं | कहते हैं चोर की दाढ़ी में तिनका..अगर सरकार की नीयत में कोई खोट नहीं तो फिर छुपकर  रात के डेढ़ बजे, जब ज़्यादातर भारतीय चैन की नींद सो रहे होते हैं, 5000 पुलिसवालों को लेकर निहथ्थे लोगों पर वार करना कहाँ से जायज़ है ? इतना ही नहीं सूत्रों के अनुसार वहाँ लगे  को पुलिस ने सबसे पहले तोड़ डाला ताकि उनकी काली करतूत कहीं कैमरा पर  कैद न हो जाए| और तो और, मीडिया वालों  में से भी किसी को खबर नहीं की उस रात पंडाल के अन्दर वाकई हुआ क्या या फिर अपने पॉवर के बल पर मीडिया को भी खरीद लिया गया या दबा दिया गया| यहाँ बाबा की हालत अनशन से बिगड़ रही है पर सरकार बात करने तक को तैयार नहीं | मनमोहन सिंह भले ही कहने को इस देश के प्रधानमन्त्री हो मगर है तो वो श्रीमती सोनिया गाँधी (उर्फ़ Antonia) के हाथों ki कटपुतली | जहाँ आचार्य बालकृष्ण महाराज पर खुले आम नेपाली होने और फर्ज़ी पासपोर्ट  रखने के इलज़ाम लगाए जा रहे हैं वही सरकार यह भूल रही है की सोनिया गाँधी भी कोई मूल से भारतीय नहीं हैं | उनके बारे में जितना कम कहा  जाए  उतना ही बेहतर | जो सरकार खुद अपनी अधिकतम constituencies में cm सिर्फ ईसाईयों को चुने और  परिवर्तित ईसाईयों के लिए सभाओं में सीट आरक्षित रखे, ऐसी सरकार का दूसरों के आन्दोलन को सांप्रदायिक ठहराना ठीक नहीं | अगर कुछ समय के लिए हम ये मान भी लें कि बाबा और अन्ना हजारे का अनशन एक राजनैतिक खेल है तो भी उसमे सभी जाति-धर्म के   लोग शामिल तो हैं | सिर्फ एक तमाशा खड़ा करने के लिए लोग अपने प्राण त्यागने को तैयार नहीं होते | जब सारी जनता लाचार और बेबस हो और सारी ताकत बस एक ही इंसान के हाँथ में हो तब अवश्य ही भारत एक सोनियातंत्र प्रतीत होता है, जहाँ बस वही होता है जो सोनिया चाहती है..और आम आदमी बस वही देख पाता है जो वह दिखाना चाहती है | लोगों को कुचला जा सकता है पर उनके विचारों और को नहीं | बस यही आशा है की यह आन्दोलन एक आज़ादी की जंग में तबदील हो और भारत वास्तविक रूप से आज़ाद लोकतंत्र बन पाए, ऐसी तानाशाही  और वंशवाद से मुक्ति पाकर… 


गौर करें: इस लेख में मैंने सिर्फ अपने विचार प्रस्तुत किये हैं और सभी इससे सहमत हो यह ज़रूरी नहीं..आप भी अपनी सोच हमसे बाटें..अपने सरकार और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार सम्बंधित चौंका देने वाली बातें जानने के लिए इस साईट के सारे लेख ज़रूर पढ़ें:

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