Thursday, November 17, 2011

माँ के नाम

माँ ममत्व ,धेर्य और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति होती है |
माँ का धेर्य और सयम हम जब से होश सँभालते हैं तबसे , बल्कि जीवन पर्यंत ही हमें प्रभावित करता है |माँ जीवन के हर शेत्र मे हमारी द्रश्य और अद्रश्य दोनों रूप मे प्रेरणा का स्त्रोत बनी रहती है |
हम माँ के संबल को हर क्षण महसूस करते है | हमें बचपन से ही माँ से सारे संस्कार प्राप्त होते हैं और उनके कारण हम कभी किसी गलत कार्य की ओर प्रेरित होने से बच जाते हैं | माँ का प्यार दुलार एक ऐसा अमूल्य अहसास है जो हमें हमेशा बांधे रखता है |
जीवन मैं माँ का सपना बच्चो को आगे से आगे बड़ते हुए देखना है| मेरा ऐसा मानना है क़ि ईश्वर ने अपना प्रतिरूप माँ को बना कर इस धरती पर भेजा है जो हर प्रकार से हमारी सहायता करती है | माँ अपना अविरल प्यार घर परिवार पर लुटाती रहती है | माँ के प्यार से बढकर इस संसार मैं कुछ भी नहीं है |
जब कही हमें हताशा या निराशा होती है तो माँ का धेर्य और सयम भरा चेहरा हमारे द्रष्टि पटल पर उभरता है और हम एक नए जोश के साथ अपने माता पिता के सपनो को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं | माँ की मन्नते और दुआएं हमें हर शेत्र मैं सफलता के शिखर पर पहुंचा देती हैं | माँ हमारी हर कठिनाई, दुःख और परेशानी को बड़े ही सहज ढंग से हल कर देती है | माँ की प्रेरणा से ही हम आगे और आगे बड़ते रहते हैं |
जिस प्रकार मोमबत्ती स्वयं जल कर भी हमें प्रकाशवान करने का उद्दश्य रखती है उसी प्रकार माँ हमारे साये की तरह हमारी हर विपरीत परिस्थिति मैं साथ देती है | इसका अविस्मरनीय एवं जीवंत उद्धारण जो मेरे जीवन से जुड़ा हुआ है कुछ इस प्रकार है |
आई . आई. टी के ठीक एक दिन पहले जब मैं सपरिवार कोटा से परीक्षा देने अपने घर जयपुर जा रही थी तब हमारी कार की एक ट्रक से भिडंत हो गई और उसमें ना सिर्फ मैंने अपनी दादी को खो दिया बल्कि माँ की हालत गंभीर थी और पापा को भी भयंकर चोटें आई थी |इतनी दर्दनाक बेहोशी में बल्कि मरणासन्न स्थिति मैं भी मेरे माता पिता ने मुझे अपनी परीक्षा देने को कहा |
अंत मैं बस ईश्वर को उनके इस अमूल्य उपहार के लिए धन्यवाद करना चाहूंगी और अपना पहला लेख अपने माता पिता को समर्पित करना चाहती हूँ|

मन को एक सुखद संतोष,
से भर देती है यह भावना , कि
कोई सदा है हमारे पास,
हमारी हर उलझन सुलझाने को,
जीवन के सारे अच्छे - बुरे अनुभव
बाटने को...
मन को सुखद संतोष से
भर देती है यह भावना,
कि कोई है जीवन कि हर सुबह को
आशाओ और खुशियों की
किरणों से झिलमिलाने के लिए,
कोई, जिसका कोमल ह्रदय
सदा प्रयत्नरत रहता है परिवार की
सुख, शांति और प्रसन्ता के लिए...
मन को सुखद संतोष से
भर देती है यह भावना की
माँ तुम सदा रहोगी मेरे पास,
अपने ममता भरे स्पर्श से
जीवन की राहें आसान करने के लिए
अपने स्नेह और विश्वास का कोष हमेशा यूं ही लुटाने के लिए...



--गीतांजली चुघ

5 comments:

Anonymous said...

heart touching post
keep writin :)

Anonymous said...

nice one :)
u've got some nice talent on this blog :D

Anonymous said...

i've spent days on machan in my village
specially during mango season
this one reminds me of those days :)
Next one in english plzz

Anonymous said...

very nice!!! keep it up!!!

Satyajit said...

superb...:) simply peerless expression.:)

um..i also wrote the 1st ever poem of my life for my mom...:))
& really sorry for the mishap you had to go through..
Mom's the sweetest gift of God to all..:)) everyone's 1st love :)